Lam Yati Nazeero Kafi Nazarin Lyrics

Lam Yati Nazeero Kafi Nazarin Lyrics

 

 

Lam Yati Nazeero Kafi Nazarin Lyrics

 

Lam Yaati Naziiru Kafi Nazarin

Lam Yaati Naziiru Kafi Nazarin Mislay Tu Na Shud Peda Jaana
Jag Raaj Ko Taaj Toray Sar Sohay Tujh Ko Shahay Do Saraa Jana

Al Bahru Ala Wal Mowju Tagha Man Baykas O Tufaa(n) Hosh Ruba
Manjdhaar Me Hu Bigrri Hai Hawa Mori Nayya Paar Laga Jaana

Ya Shamsu Nazar Ti ilaa Layli Chuba Teyba Rasi Arzay Bokuni
Tori Jyot Ki Jhal Jhal Jag Me Rachi Meri Shab Nay Na Din Hona Jaana

Laka Badrun Fil Wajhil Ajamal Khat Haala E Mah Zulf Abr E Ajal
Toray Chandan Chandr Paro Kundal Rahmat Ki Bharan Barsa Jaana

Ana Fi Ata Shiunw Wasahaka Atam Eh Gaysu-Ay Paak Eh Abr E Karam
Barsan Haaray Rim Jhim Rim Jhim Do Buund Idhar Bhi Giraa Jaana

Ya kaafi Latii Zidi Azalak Rahme Bar Hasrate Tishna Labak
Mora Ziyra Larje Darak Darak Taibah Se Abhi Na Suna Jaana

Waahan Lisu Waiatin Zahabat Aa(n) Ahde Huzure Baargahat
Jab Yaad Aavat Mohe Kar Na Parat Darda Wo Madine Ka Jaana

Al Qalbu Shaji(n)v Wal Hammu Dil Zar Chuna(n) Ja(n) Zer Chunu(n)
Pati Apni Bipat Mai Ka Se Kahu Mera Kaun Hai Tere Siwa Jaana

Ar Ruhu Fidaa-Ka Fazid Harka Yak Shole Digar Barjan Ishka
Mora Tan Man Dhan Sab Phook Diya Ye Jaan Bhi Pyare Jalaa Jaana

Bas Khaama E Nava E Raza Na Ye Tarz Meri Na Ye Rang Mera
Irshaad E Ahibba Naatik Tha Nachar Is Raah Padaa Jaana

 

लम याति नज़ीरुक फ़ी नज़रिन, मिस्ले तो न शुद पैदा जाना
जग राज को ताज तोरे सर सो, है तुझ को शहे दो सरा जाना

अल-बह़रू अ़ला वल-मौजु त़गा, मन बे कसो तू़फ़ां होशरुबा
मंजधार में हूं बिगड़ी है हवा, मोरी नय्या पार लगा जाना

या शम्शू नज़रति इला लैली, चू ब त़यबा रसी अ़र्ज़े बुकुनी
तोरी जोत की झल झल जग में रची, मेरी शब ने न दिन होना जाना

लक बदरून फिल वजहिल अजमल, ख़त़ हालए मह ज़ुल्फ़ अब्रे अजल
तोरे चन्दन चंद्र परो कुन्डल, रह़मत की भरन बरसा जाना

अना फी अ़त़शिव्व सखा़क अतम, ऐ गेसूए पाक ऐ अब्रे करम
बरसन हारे रिमझिम रिमझिम, दो बूंद इधर भी गिरा जाना

या क़ाफ़िलती ज़ीदी अजलक, रह़मे बर ह़स्रते तिश्ना लबक
मोरा जि-यरा लरजे दरक दरक त़यबा से अभी न सुना जाना

वाहन लिसुवयआ़तीन ज़हबत, आं अ़हदे हुज़ूरे बार गहत
जब याद आवत मोहे कर न परत दरदा वोह मदीने का जाना

अल-क़ल्बु शजि-व्वलहम्मु-शुजूं, दिल ज़ार चुनां जां ज़ेरे चुनूं
पत अपनी बिपत में का से कहूं मेरा कौन है तेरे सिवा जाना

अर्रुहु़ फ़िदाक फ़ज़िद हरक़ा, यक शो’ला दिगर बरज़न इ़श्क़ा
मोरा तन मन धन सब फूंक दिया येह जान भी प्यारे जला जाना

बस ख़ामए ख़ाम नवाए रज़ा न येह त़र्ज़ मेरी न येह रंग मेरा
इर्शादे अह़िब्बा नात़िक़ था नाचार इस राह पड़ा जाना

 

 

 

 

 

 

 

 

लम याती नज़ीरो काफ़ी नज़रीं

मिस्ले तो ना शुद पैदा जाना

जग राज को ताज तोड़े सर सो

है तुझ को शाहे दो सरा जाना

अना फ़ी अत्शिव वा सख़ा का आतम

ऐ गेसू-ए-पाक ऐ अब्र-ए-करम

बरसन हारे रिमझिम रिमझिम

दो बूंद इधर भी गिरा जाना

अल बहरो अला वल मव्जो तग़ा

मन बेकसो तूफ़ान होश रुबा

मंज़धार में हूँ या रसूलअल्लाह

मंज़धार में हूँ बिगड़ी है हवा

मूरी नैया पार लगा जाना

अर रूहो फ़िदा का फ़ाज़िद हरका

यक शोला दिगर बरज़न इश्क़ा

मोरा तन मन धन सब फ़ूंक दिया

ये जान भी प्यारे जला जाना

अल क़ल्बो श्य्जीव्म वल हमो शुजूत

दिल दर चुना जान ज़ेर चुनो

पत अपनी भी पत मैं कैसे कहूँ

मेरा कौन है तेरे सिवा जाना

बस ख़ामा-ए-ख़ाम नवा-ए-रज़ा

ना ये तराज़ मेरी ना ये रंग मेरा

इरशाद-ए-अहिब्बा ना आतिक था

नचार इस राह पर जाना

मोरा जीयरा लरजे धड़मोरा जीयरा लरजे धड़क धड़क

ताइबा से अभी ना सुना जाना

 

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